शुक्रवार, 1 मई 2009

गर इतनी हसीं और खुशनुमा मेरी मौत हैं, तो मुझे जिंदगी नही चाहिए

एक दिन खुदा ने मुझसे कहा, के तेरी जिंदगी बस कुछ पल की है,
पर वो आएगी तेरे आगोश में बस एक पल के लिए ,

मैंने खुदा से कहा, "उस एक पल से ज़्यादा, मुझे जिंदगी नही चाहिए",

खुदा ने कहा, तेरी आगोश में आ के उनके होटो पे आएगी मुस्कुराहटें बेपनाह,
मैंने खुदा से कहा "मुझे और कोई खुशी नही चाहिए"

खुदा ने कहा ओ नादान, संग उसके हो कर, इस जहाँ में तू हो जाएगा तन्हा,
मैंने खुदा से कहा "गर वो हैं संगे मेरे मेरी आखरी साँस तक तो, मुझे कोई और साथी नही चाहिए"

खुदा ने कहा, के गर वो आएगी तेरे पास, तो तुझे एक बूँद पानी भी नसीब नही होगा,
मैंने खुदा से कहा, "बस मेरी आखरी साँस तक वो साथ हों मेरे, इस ४ पल की जिंदगी में जीने के लिए, मुझे कुछ और नही चाहिए",

खुदा से रहा न गया, उन्होंने फ़िर कहा, "अरे ओ नादान 'वो आएगी तेरी पहलु में तेरी मौत बन कर'"
मैंने कहा "गर इतनी हसीं और खुशनुमा मेरी मौत हैं, तो मुझे जिंदगी नही चाहिए"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें