रविवार, 4 अक्तूबर 2015

ज़िंदगी की कहानी

 
 
 
 
 
 
ज़िंदगी की बस यही इतनी सी कहानी है, ज़िंदगी बीत जाएगी एक दिन, पीछे बस यादें छूट जानी हैं,
ज़िंदगी की यही बस इतनी सी कहानी है।
ज़िंदगी का अजीब ये फ़लसफ़ा है, बेहद दिलचस्प इसकी बयानी है,
कभी खुशियां हैं बेशुमार, मुस्कुराहटें हैं होंठों पे और मौंजो की रवानी है,
तो  कभी गम हैं जानलेवा, अश्क़ हैं, और बेइन्तहां दर्दों में कई दिन और रातें बीत जानी हैं,
थोड़ी अजीब तो है, पर कुछ ऐसी ही ज़िंदगी की कहानी है।