अल्फाजों में कैद कुछ जज़्बात
सोमवार, 29 जून 2009
खुदा ने हमे ऐसा ना जाने क्यो बनाया ही नही
कभी गर चाहा भी किसी को तो बताया ही नही,
किसी ने हमे अपने दिल में बसाया ही नही,
कभी किसी को आए हमारी भी याद,
खुदा ने हमे ऐसा ना जाने क्यो बनाया ही नही
1 टिप्पणी:
Unknown
गुरुवार, जुलाई 16, 2009 9:08:00 pm
gud
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