न जाने कैसी ये दुनिया हो गयी है, Facebook तो हजारो दोस्त हो गए हैं सबके, पर, बगल में कौन रहता है पता नहीं,
एक मेरा दोस्त "मुझसे" अब touch में नहीं, क्योकि हर दिन मै उसे scrap regular karta nahi...
twitter pe प्रियंका चोपड़ा ने क्या कहा ये है सबकी जुबान पर, पर न जाने माँ की बात से क्यों सर दुखता है???
orkut पर एक "दोस्त" ने लिखा "down with fever" तो न जाने कितनी "get well soon" की scraps कर दी,
कैसे कहते, वो तो ऑनलाइन friend list में मिला ही नहीं
Flicker/Picasa/Facebook पे दोस्तों की हजारो तस्वीरों पे कमेन्ट कर दिया,
पर बगल में बैठे सह कर्मी (Colleague) को एक बार देखा तक नहीं...!!!
न जाने कैसी ये दुनिया हो गयी है, न जाने क्यों ऐसी ये दुनिया हो गयी है...
हर वक़्त online होना वक़्त की ज़रुरत बन गयी है,
एक मेरा दोस्त "मुझसे" अब touch में नहीं, क्योकि हर दिन मै उसे scrap regular karta nahi...
twitter pe प्रियंका चोपड़ा ने क्या कहा ये है सबकी जुबान पर, पर न जाने माँ की बात से क्यों सर दुखता है???
orkut पर एक "दोस्त" ने लिखा "down with fever" तो न जाने कितनी "get well soon" की scraps कर दी,
third row में बैठे बन्दे को चोट लगी है, आते जाते सबने देखा है,
पर कैसे हुआ, जानने का वक़्त वक़्त ही नहीं, get well soon उसे एक बार भी किसी ने कहा नहीं,कैसे कहते, वो तो ऑनलाइन friend list में मिला ही नहीं
Flicker/Picasa/Facebook पे दोस्तों की हजारो तस्वीरों पे कमेन्ट कर दिया,
पर बगल में बैठे सह कर्मी (Colleague) को एक बार देखा तक नहीं...!!!
न जाने कैसी ये दुनिया हो गयी है, न जाने क्यों ऐसी ये दुनिया हो गयी है...
हर वक़्त online होना वक़्त की ज़रुरत बन गयी है,
पर मोहल्ले की अपनी ही लाइन में रहने वालो से मिलने का वक़्त ही नहीं!!!
जो कहना है आज कल सब Twit करते हैं, हर बात अब अपनी लोग Twitter पे करते हैं,
किसी को आज कल चाय की एक प्याली के संग घंटो बातें करने वाला कोई दोस्त मिलता ही नहीं !!!
जो कहना है आज कल सब Twit करते हैं, हर बात अब अपनी लोग Twitter पे करते हैं,
किसी को आज कल चाय की एक प्याली के संग घंटो बातें करने वाला कोई दोस्त मिलता ही नहीं !!!
ये Social Net की दुनिया भी बड़ी अजीब है, online friends तो बहुत मिलते हैं,
पर पुराने दिनों जिन्हें हम कहा करते थे दोस्त, ऐसा कोई साथी यहाँ क्यों मिलता नहीं,
scrap, twit, wall post तो सब करते हैं, पर अपने दोस्त को कोई अब चिठियाँ अब लिखता नहीं,
न जाने कैसी ये दुनिया हो गयी है, न जाने क्यों ऐसी ये दुनिया हो गयी है...
पर पुराने दिनों जिन्हें हम कहा करते थे दोस्त, ऐसा कोई साथी यहाँ क्यों मिलता नहीं,
scrap, twit, wall post तो सब करते हैं, पर अपने दोस्त को कोई अब चिठियाँ अब लिखता नहीं,
न जाने कैसी ये दुनिया हो गयी है, न जाने क्यों ऐसी ये दुनिया हो गयी है...
nice
जवाब देंहटाएंgood one :)!
जवाब देंहटाएंVishwas
kya baat hai sir, very nice....
जवाब देंहटाएंAfsos..magar kitna sahi hai!
जवाब देंहटाएंreally true..
जवाब देंहटाएंसच लिखा है ...जब से अंतर्जाल की सुविधा आई है..दुनिया लेपटोप तक सिमट गयी है ..कहीये...लेपटोप में ' सिमट गयी है.
जवाब देंहटाएंआज अधिकतर लोग आभासी जगत में जीना सुखद समझने लगे हैं.