अल्फाजों में कैद कुछ जज़्बात
बुधवार, 20 मई 2009
रेत मे कोई फूल खिले एक ज़माना बीत गया
आज ही मैं सब बातें मन की पानी पे लिख आऊँगी,
रेत में कोई राज़ बहाए एक ज़माना बीत गया,
चलो तुम्हारा नाम लिखें, सागर के किनारे साहिल पर,
रेत मे कोई फूल खिले एक ज़माना बीत गया
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