अल्फाजों में कैद कुछ जज़्बात
शुक्रवार, 8 मई 2009
क्या है इतने गहरे समंदर में?
क्या है इतने गहरे समंदर में ?
कभी कस्ती, कभी तूफ़ां, कभी लहरें, कभी उनकी मस्ती, समंदर में;
कई यादें, कई आंसू, कई चहरे समंदर में.
आज तक कौन समझा है की क्या है इतने गहरे समंदर
में,
शायद खुद समंदर भी नहीं??
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