जब भी वो तन्हा होंगे, वो हमारे बारे में सोचते होंगे,
मेरी आंखों में अश्क होंगे, और उनका दामन भीगा होगा,
कोई मेरे होठो को छू कर गुजरा है, ज़रूर उसकी खुशबू का झोंका होगा,
ज़र्रा ज़र्रा हूँ मै ना जाने कब से, वो भी पल पल बिखरा होगा,
आज क्यों ये भी मौसम बरसात हो रही है ?
लगता है मेरी याद में वो जी भर कर रोया होगा...
इक ज़माना हो गया आज मुझे उसकी सूरत देखे,
आँखें लगाये दरवाजे पर, वो शायद हर पल हमारा ही रास्ता देखता होगा...
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